Design for Test (DFT) एक डिज़ाइन दृष्टिकोण है जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में टेस्टिंग प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाना है। DFT तकनीकों का उपयोग करने से यह सुनिश्चित होता है कि एकीकृत सर्किट (IC) और सिस्टम ऑन चिप (SoC) का परीक्षण करना आसान और प्रभावी हो, जिससे उत्पाद की विश्वसनीयता और गुणवत्ता में सुधार होता है।
DFT का विकास 1970 के दशक में शुरू हुआ, जब वाणिज्यिक चिप्स की जटिलता में तेजी से वृद्धि हुई। प्रारंभिक DFT तकनीकों में टेस्ट पॉइंट्स का समावेश किया गया था, जो चिप्स में विशेष स्थान होते थे, जहाँ से टेस्ट सिग्नल को लागू किया जा सकता था।
1990 के दशक में, आर्किटेक्चर के विकास के साथ, BIST (Built-In Self-Test) और BSCAN (Boundary Scan) जैसी उन्नत DFT तकनीकों का उदय हुआ। ये तकनीकें IC के अंदर परीक्षण क्षमताओं को शामिल करती हैं, जिससे बाहरी टेस्टिंग उपकरणों की आवश्यकता कम हो जाती है।
5nm तकनीक, जो छोटे ट्रांजिस्टर आकार का उपयोग करती है, DFT के लिए नई चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है। छोटे आकार के कारण, IC का परीक्षण करना मुश्किल हो जाता है, जिससे DFT तकनीकों का और विकास आवश्यक हो जाता है।
GAA FET एक नई ट्रांजिस्टर संरचना है जो 3D डिज़ाइन का उपयोग करती है। यह DFT में बेहतर टेस्टिंग क्षमताएँ प्रदान करती है, क्योंकि इसमें बेहतर इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण होता है।
EUV तकनीक से निर्मित चिप्स में DFT के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं, जैसे कि डीप-नैरो फीचर्स और जटिलता। इसलिए, नई DFT तकनीकों की आवश्यकता होती है जो EUV से निर्मित चिप्स की परीक्षण आवश्यकताओं को पूरा कर सकें।
DFT तकनीकों का उपयोग एआई चिप्स में किया जाता है, जहां उच्च परिशुद्धता और विश्वसनीयता की आवश्यकता होती है।
नेटवर्किंग उपकरणों में DFT का उपयोग करके यह सुनिश्चित किया जाता है कि संचार प्रणाली में कोई दोष नहीं हो।
कंप्यूटर प्रोसेसर और ग्राफिक्स कार्ड में DFT तकनीकों का उपयोग करके प्रदर्शन और स्थिरता में सुधार किया जाता है।
ऑटोमोटिव उद्योग में, DFT तकनीकों का उपयोग सुरक्षित और विश्वसनीय इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण इकाइयों (ECU) के विकास के लिए किया जाता है।
DFT अनुसंधान में वर्तमान प्रवृत्तियों में ऑटोमेशन, मशीन लर्निंग, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग शामिल है। ये तकनीकें परीक्षण प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और तेज़ बनाती हैं।
भविष्य में, DFT तकनीकों के विकास की दिशा यह होगी कि वे अधिक लचीले, स्वचालित और कुशल हों, साथ ही नई प्रक्रियाओं और सामग्रियों के साथ समन्वय करें।
DFT न केवल डिज़ाइन और परीक्षण प्रक्रियाओं को अधिक कुशल बनाता है, बल्कि यह समग्र उत्पाद गुणवत्ता और विश्वसनीयता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।