Interconnect Modeling एक तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक घटकों के बीच संचार के लिए आवश्यक इंटरकनेक्ट संरचनाओं का विश्लेषण और डिज़ाइन किया जाता है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से VLSI (Very Large Scale Integration) डिजाइन में महत्वपूर्ण है, जहाँ इंटरकनेक्ट्स, जैसे कि धातु के तार, सिग्नल को एक चिप के भीतर विभिन्न ट्रांजिस्टर और घटकों के बीच ले जाते हैं।
Interconnect Modeling का विकास 1960 के दशक में शुरू हुआ, जब पहला एकीकृत परिपथ (Integrated Circuit) तैयार किया गया। प्रारंभ में, इंटरकनेक्ट्स को सरल और सीमित रूप से देखा गया, लेकिन जैसे-जैसे चिप्स की जटिलता बढ़ी, इंटरकनेक्ट्स की भूमिका अधिक महत्वपूर्ण हो गई।
1990 के दशक में, इंटरकनेक्ट देरी और शक्ति की खपत के मुद्दों को पहचानने के बाद, विभिन्न मॉडलिंग तकनीकों का विकास हुआ। जैसे-जैसे VLSI तकनीक का विकास हुआ, नए इंटरकनेक्ट सामग्री जैसे कि Copper और Low-k Dielectrics का उपयोग शुरू हुआ, जिसने प्रदर्शन में सुधार किया।
5nm प्रक्रिया नोड ने इंटरकनेक्ट मॉडलिंग में नई चुनौतियाँ पेश की हैं। इस नोड पर, इंटरकनेक्ट देरी और शक्ति खपत को नियंत्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।
Gate-All-Around FET (GAA FET) तकनीक ने ट्रांजिस्टर की संरचना में क्रांति ला दी है। यह तकनीक इंटरकनेक्ट डिजाइन के लिए नई संभावनाएँ प्रस्तुत करती है, जिससे बेहतर प्रदर्शन और कम शक्ति खपत सुनिश्चित होती है।
Extreme Ultraviolet Lithography (EUV) ने इंटरकनेक्ट्स के निर्माण में अधिक सटीकता और छोटे आकार को संभव बनाया है। EUV तकनीक का उपयोग करने से इंटरकनेक्ट्स की परतें और भी पतली और अधिक प्रभावी हो गई हैं।
Interconnect Modeling AI अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है, जहाँ उच्च गति और कम विलंबता की आवश्यकता होती है।
इंटरकनेक्ट्स नेटवर्किंग उपकरणों में उच्च बैंडविड्थ और कम विलंबता सुनिश्चित करते हैं, जो डेटा ट्रांसफर की गति को बढ़ाते हैं।
विभिन्न कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर में इंटरकनेक्ट मॉडलिंग की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है, जहाँ प्रदर्शन को अधिकतम करने के लिए सटीकता आवश्यक है।
ऑटोमोटिव उद्योग में, इंटरकनेक्ट मॉडलिंग स्वायत्त ड्राइविंग तकनीकों और स्मार्ट वाहन प्रणालियों के लिए महत्वपूर्ण है।
वर्तमान में, Interconnect Modeling अनुसंधान निम्नलिखित क्षेत्रों में केंद्रित है:
भविष्य में, उम्मीद है कि इंटरकनेक्ट मॉडलिंग में और अधिक उन्नति होगी, जिससे चिप्स की प्रदर्शन क्षमता को और बढ़ाया जा सकेगा।
Interconnect Modeling की जटिलता और विकास ने इसे सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बना दिया है। इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की निरंतरता इसकी प्रगति को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।