Signal Integrity (SI) एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो यह सुनिश्चित करती है कि एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या सर्किट में संकेत की गुणवत्ता उच्चतम स्तर पर बनी रहे। यह संकेतों के सही रूपांतरण, प्रेषण और प्राप्ति को प्रभावित करता है। Signal Integrity का अध्ययन उन कारकों का विश्लेषण करता है जो संकेतों में विकृति, देरी, और अन्य अव्यवस्थितताओं का कारण बन सकते हैं।
Signal Integrity का क्षेत्र 1980 के दशक में विकसित होना शुरू हुआ, जब VLSI (Very Large Scale Integration) तकनीक ने तेजी से विकास किया। इस समय, सर्किट के उच्च घनत्व और तेजी से स्विचिंग गति ने नए चुनौतियां प्रस्तुत कीं। प्रारंभिक शोध ने संकेतों की विकृति और उनकी उच्च आवृत्ति पर प्रभाव का अध्ययन किया।
1990 के दशक में, Differential signaling और Controlled impedance जैसे तकनीकी नवाचारों ने Signal Integrity के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की।
5nm प्रक्रिया तकनीक ने उच्च घनत्व ट्रांजिस्टर डिजाइन की अनुमति दी, जिससे Signal Integrity के मुद्दों को और अधिक जटिलता मिली। इस तकनीक में, संकेतों की गति इतनी तेज़ हो जाती है कि उनके प्रेषण में विकृति की संभावना बढ़ जाती है।
GAA FET एक नई ट्रांजिस्टर आर्किटेक्चर है जो बेहतर नियंत्रण और कम Leakage प्रदान करती है। इससे Signal Integrity में सुधार हुआ है, विशेष रूप से उच्च आवृत्ति अनुप्रयोगों में।
EUV लिथोग्राफी ने छोटे पैटर्न बनाना संभव बना दिया है, जिससे ट्रांजिस्टर के घनत्व में वृद्धि हो रही है। यह तकनीक Signal Integrity को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह सर्किट डिजाइन को और अधिक प्रभावी बनाती है।
Signal Integrity AI अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण है, जहाँ डेटा की उच्च गति और सटीकता आवश्यक होती है।
Networking उपकरणों में उच्च Signal Integrity को बनाए रखना आवश्यक है ताकि डेटा की गति और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।
Modern computing systems में, Signal Integrity सुनिश्चित करती है कि उच्च गति सिग्नल्स बिना विकृति के प्रसारित हो सकें।
Automotive उद्योग में, Signal Integrity महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से स्वायत्त वाहनों में, जहाँ सिग्नल की सटीकता और समय पर प्रसंस्करण आवश्यक है।
अभी हाल ही में, Signal Integrity अनुसंधान में निम्नलिखित रुझान देखे जा रहे हैं:
यह लेख Signal Integrity के क्षेत्र की जटिलताओं और विकास को दर्शाता है और इस विषय पर अनुसंधान और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करता है।